इस कविता मे धरती का महबूब उसे उसकी हुई बुरी हालत से रूबरू करवा रहा है... इस कविता मे धरती का महबूब उसे उसकी हुई बुरी हालत से रूबरू करवा रहा है...
जिस पल, मुझे याद आता है तेरा दिया वो,हर ज़ख्म मुझ पर किए तमाम सितम मुझे छोड़ कर तन्हा जिस पल, मुझे याद आता है तेरा दिया वो,हर ज़ख्म मुझ पर किए तमाम सितम मुझे ...
बहुत से लोग इन्हें समझते हैं एक समस्या लेकिन यह तो कर रहे होते हैं बड़ी ही तपस्या। बहुत से लोग इन्हें समझते हैं एक समस्या लेकिन यह तो कर रहे होते हैं बड़ी ही तपस...
कमबख़्त तुझे इश्क़ इस कदर कर बैठे कि इश्क़ में आज कुर्बान होने चले हैं कमबख़्त तुझे इश्क़ इस कदर कर बैठे कि इश्क़ में आज कुर्बान होने चले हैं
काठमांडू का ये सफर, कहा न जाए कितना मधुर। काठमांडू का ये सफर, कहा न जाए कितना मधुर।
अपने प्रेमी से अपनी दिल की बात कहने मे रुकावट... अपने प्रेमी से अपनी दिल की बात कहने मे रुकावट...